सच्चा प्यार और सच्ची आशिकी क्या होती है ? जानिए सही परिभाषा..
मालिक का प्यार उसकी मोहब्बत इंसान को वो खुशियाँ बख्शती है कि इंसान दोनों जहान में खिला रहता है, किसी तरह की कोई कमी नहीं रहती... दिन और रात कैसे बीत जाया करते हैं कुछ मालूम नहीं पड़ता । ऐसी मस्ती, ऐसा नशा चड़ जाता है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती और जो लिख-बोलकर बयान नही किया जा सकता ।
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Sacha Pyar - Saint Dr. MSG Insan |
Saint Dr. MSG फरमाते हैं कि मालिक के प्यार में जो डूब जाया करते हैं उनके अंतःकरण में वो खुशियाँ, वो लज़्ज़तें पैदा हो जाती हैं जो लिख-बोलकर बताई नहीं जा सकती । मालिक से प्यार करने वाली कोई भी जीवात्मा, अगर उसे देखो तो चेहरे पर पता चल जाता है कि वो तो मालिक के प्यार में डूबी हुई रूह है, उसके lecture से प्रभावित होकर ये नहीं पता लगाया जा सकता कि वो उस भगवान का आशिक है या नहीं, क्योंकि मीठा-मीठा बोलना और अच्छी-अच्छी बातें करना आजकल आम बात हो गयी है, आजकल लोग हद से ज़्यादा जूठ बोलते हैं ।
नाजाने कितने सालों से लोग एक-दूसरे को आपस में ये कहते आ रहे हैं कि मैं तेरे लिए तारे तोड़ लाऊँगा या तोड़ लाऊंगी ! क्या आजतक किसी ने तोड़ा तारा ? मैं तेरे लिए ये ले आऊंगा - वो ले आऊंगा और पता नहीं क्या-क्या कहते फिरते हैं । ये सब बकवास की बातें हैं । हकीकत ये है कि जब किसी के प्रति सच्चा प्यार आपके दिल और दिमाग में है तो तारे तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती । उन आँखों मे पता चलता है कि कोई कितना मालिक के प्यार में डूबा है। आपका आपस में प्यार है तो भी एक भावना, एक श्रद्धा, एक दूसरे के प्रति समर्पित होना भी बेमिसाल बात होती है ।
तो भाई मालिक के प्यार में जो चलना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपके अंदर दृढ़ यकीन हो, दृढ़ इरादे हों और उसके अनुसार अगर आप चलते जाओ तो ना अंदर कमी रहती है ना ही कोई कमी बाहर रहती है ।
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