महिला या पुरुष: गैंस सिलेंडर में आग लगने पर तुरन्त कैसे काबू पाएँ ? देखिये वीडियो:-




आजकल लगभग हर जगह गैंस सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। सर्दियों में सुबह उठकर पानी गर्म करने से लेकर रात की रोटी पकाने तक, हम अनगिनत बार गैंस सिलेंडर का प्रयोग करते हैं। आमतौर घर में एक गृहिणी सिलेंडर का इस्तेमाल रोटी पकाने, पानी गर्म करने या अनेक पकवान बनाने हेतु करती है, तो दूसरी तरफ कई बड़े-बड़े व्यवसाय चलते ही सिलेंडर की वजह से हैं, जैसे: पकोड़ों और मिठाइयों की दुकानों में या आयुर्वेदिक दवाइयों की फैक्ट्री में ।


इसलिए हमें इस बात को समझना होगा कि अगर हम दिन के 24 घण्टों में से ज़्यादातर समय, रसोईघर में सिलेंडर का इस्तेमाल करके बिताते हैं तो हम किसी भी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। आज हर किसी के अपने परिवार हैं, हर कोई अपनी ज़िंदगी खुशी से जीना चाहता है, हर कोई चाहता है कि उसके ख्वाब पूरे हों इसलिए आज हर कोई अपने काम-धंधे में अस्त-व्यस्त हुआ बैठा है।

गौरतलब है कि कलयुग में इंसान को ये भी याद नहीं रहता है कि वो कब गैंस पर दूध उबलना रखकर आया था, लगभग एक घण्टा लगातार उबाला आने के बाद जब पतीला या बर्तन सड़ने की बदबू आती है या कोई पड़ोसी आकर बताता है तब इंसान को याद आता है कि 'उसने तो दूध उबलना रखा था' 😱




लेकिन अब और नहीं। एक कुशल नागरिक होने की हैसियत से, ये हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम वातारण के साथ, पड़ोसियों के साथ व सोसाइटी के साथ अच्छा मेल-मिलाप रखें व उनकी शुभ-सेहत की रब से दुआ मांगे।

 सिलेंडर में आग लगना या सिलेंडर का फटना आदि ये कुछ ऐसे विचारपूर्ण विषय हैं जोकि हैं तो साधारण लेकिन किसी दिन ये हमारे लिए ज़िन्दगी और मौत का सवाल बनकर सामने आ सकते हैं। नीचे दिखाई वीडियो पर गौर फरमाइए व वीडियो संचालक की कही छोटी से बड़ी, हर बात और हर वो चीज़ अपने दिमाग में फिट कर लें। देखिये वीडियो:-



वीडियो में सुशील कुमार बताते हैं कि आग लग जाने की स्थिति में कोई भी बड़ा कपड़ा जैसे: बैड-शीट इत्यादि को अच्छी तरह पानी में भिगोकर सिलेंडर के चारों तरफ से अच्छी तरह से लपेट दें। बैड-शीट या कोई भी बड़े कपड़े को गीला करके सिलेंडर के चारों और इस तरह कसकर लपेट दो कि उसको लपेटने के बाद कपड़े और गैंस के बीच की ऑक्सीजन खत्म हो जाए। आक्सीजन का स्तर शून्य होते ही सिलेंडर में लगी आग तुरन्त बुझ जाएगी ।




वैसे हम उस अल्लहा-मालिक से दुआ करते हैं कि ये नुस्खा या तरकीब आपको कभी इस्तेमाल करने की नौबत ही ना आए क्योंकि सिलेंडर को आग लगने के बाद लोग आग की लपटें देखकर डर जाते हैं। वे हड़बड़ाहट में आग को भुजाने के लिए उस पर पानी या क्रेशर(रेत) डालते हैं जोकि सरासर गलत हैं, क्योंकि ऐसा करने से आग के स्तर में कोई बदलाव नहीं आने वाला, उल्टा स्थिति और भी भयानक और बेकाबू हो सकती है। समय और हालतों को मद्दे नज़र रखते हुए ही, उचित तरीके का इस्तेमाल उचित समय पर करें व स्वस्थ ज़िन्दगी जियें । धन्यवाद ।

Disclaimer: We shall not responsible for any harm caused to anybody due to reading this article or watching the video uploaded in this page. It might possible that due to change in circumstances, provided statements may prove wrong, that's why we have just shared this video for informative & entertainment purpose only.

नोट: हर जगह परिस्थिति अलग हो सकती है इसलिए हर काम मालिक का नाम जपते हुए व दिमाग का इस्तेमाल करते हुए करिये । किसी के साथ कुछ अनहोनी होने की जिम्मेवारी हमारी नहीं है, हमारा मकसद केवल दुनिया में राम-नाम का डंका बजाना और मानवता भलाई करना है।



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