पराए लोगों से नहीं सन्तों से पूछो क्या है आपकी परेशानी का कारण | विश्वास करके तो देखो, जानिये क्यों:-
पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का नाम सुखों की खान है । जो इंसान दुखी है, हर वक्त परेशान है, घर-परिवार के गमो में फसा हुआ है या उसे कहीं भी जाने का रास्ता नज़र नहीं आ रहा तो उस समय वो इंसान भगवान, अल्लहा, वाहेगुरू, गॉड का नाम जपे। उसकी भक्ति इबादत करने से रास्ते अपने आप बन जाते हैं, बस एक बार विश्वास करके तो देखो ।
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि यदि आप अपने अंदर की भावना, बुरे विचारों को pure(शुद्ध) करना चाहते हैं और भगवान को देखना चाहते हैं तो उस मालिक की बनाई औलाद का भला करें व सुबह शाम थोड़ी थोड़ी देर सुमिरन करें । आप जी फरमाते हैं कि इंसान अपने अंदर हर किसी के लिए दया-रहम रखे और वक्त आने पर दया रहम करे । जब तक इन्सान अपने खुद के अंत:करण की सफाई नहीं करता, अपनी भावना का शुद्धिकरण नहीं करता तब तक वह मालिक की दया रहमत के काबिल नहीं बन पाता । इसलिए भावना और विचारों को शुद्ध करना अति ज़रूरी है ।
गुरु जी फरमाते हैं कि हमारे मन की गति घोड़े, हवाई-जहाज और हवा से भी तेज़ है, अगर ये चाहे तो घर बैठै इंसान को हवाई जहाज की सैर करा दे और हो सकता है अगले ही क्षण धरती पर ला पटके । इसलिए इस घोड़े-मन को लगाम देना बहुत ज़रूरी है नहीं तो ये जहाँ चाहेगा वहीं चला जाएगा और किसी को भी कुचल डालेगा । लेकिन इस मन को लगाम देने का केवल एक ही इलाज है और वो है राम का नाम । राम का नाम जब भी कोई इंसान जपता है तो उसी वक्त से उसके अंदर अलौकिक शक्तियाँ आनी शुरू हो जाती हैं और जैसे जैसे वो मालिक, अल्लहा का नाम जपता जाता है वो शक्तियां बढ़ती चली जाती हैं ।
गुरु जी फरमाते हैं : हमसे कई बार लोग बताया करते हैं कि गुरु जी ये शक्तियां वगैरा कुछ नहीं होती और अगर होती हैं तो हमें दिखाई क्यों नहीं देती?
गुरु जी ने जवाब देते हुए कहा "जी ये बिलकुल सही प्रशन है" और आपको ऐसे प्रशन लगातार पूछते रहना चाहिए, क्योंकि जब तक ऐसे छोटे-छोटे मसले हल नहीं होंगे तो कैसे आप भगवान को देख पाओगे ।
अब आपने ये पूछा है कि क्या मालिक का नाम जपने से कोई शक्ति आती है और अगर हाँ तो हमें दिखाई क्यों नहीं देती?
गुरु जी : तो अब आप हमें ये बताओ कि क्या आप सुबह नाश्ता करते हैं?
लोग बोले : जी हाँ करते हैं।
गुरु जी : क्या फिर अपने काम धंधे पर जाते हैं?
लोग बोले : जी बिल्कुल जाते हैं ।
गुरु जी : क्या रात को वापिस आकर दोबारा रोटी खाते हैं?
लोग : जी हां ज़रूर खाते हैं ।
तो बताइये कि आप रोटी क्यों खाते हैं, क्यों नहीं छोड़ते रोटी खाना, क्यों नहीं छोड़ देते पानी पीना?
गुरु जी बोले : आप सोचेंगे:- लगता है गुरु जी पगला गये हैं या गुरु जी ने सुबह से रोटी नहीं खाई होगी जो ऐसी बहकी-बहकी बातें कर रहें हैं । आप सोचते होंगे कि ये तो सबको ही पता है कि अगर रोटी खाना छोड़ देंगे तो ज़िन्दा कैसे रहेंगे? कैसे कोई काम धंधा करेंगे?
अब आप बताएँ कि : क्या आपने कभी शक्ति देखी है जो रोटी खाने के बाद आपके शरीर में आती है?
लोग बोले : ज़रूर आती है । हम मोटे हो जाते हैं, रोगों से लड़ने की शक्ति आती है, हम ज़्यादा काम धंधा कर पाते हैं ।
निष्कर्ष : गुरु जी फरमाते हैं, तो इसी तरह जब आप भगवान का नाम जपते हैं तो आपको शक्ति मिलती है दुनिया के तानो को सहन करने की, आपको शक्ति मिलती है लोगों के सवालों का जवाब देंने की, आपकेे अंदर इस हद तक शक्ति आ जाती है कि पहाड़ जैसी मुसीबतें भी कंकर में बदल जाती हैं और आप ज़िन्दगी की सभी परेशानियों को चन्द मिन्टो में लांघ जाते हैं ।
लेकिन बात वहीं पर रुक जाती है कि जिस प्रकार रोटी खाए बिना शरीर में शक्ति नहीं आती उसी प्रकार जब तक आप राम का नाम नहीं जपेंगे तो कैसे कह सकते हैं कि आपको कोई शक्ति दिखाई नहीं देती । दिखाई तो तब देगी जब आप पहले शक्तियां पाओगे । क्या आप कभी खाली बर्तन को भरा हुआ बर्तन कह सकते हैं? नहीं ना! उसी प्रकार जब तक आपने कुछ किया ही नहीं तो कैसे आपको शक्तियों का एहसास होगा ?
कैसे खत्म होंगी ये परेशानियाँ ?
गुरु जी फरमाते हैं कि हमारी आत्मा को भी एक खुराक चाहिए । ना जाने कितने सालों से आपने उसे करवा-चौथ के व्रत पर रखा हुआ है और ये तो मालिक का चमत्कार है कि वो अभी भी कुछ हद तक जिंदा है । तो इसलिए अभी भी वक्त है कि आप अपनी आत्मा को पानी पिलाएँ अर्थात 5-5 मिनट भगवान का नाम जपें । और फिर थोड़ी थोड़ी रोटी खिलाना भी शुरू करें यानि कि भगवान का नाम 15-15 मिनट जपना शुरू करें । और ऐसा करते करते एक दिन ऐसा आएगा कि जब आपके चेहरे पर चमक होगी, अंदर मालिक के ढोल की धमक होगी और अगर आप मालिक का नाम जपते गये तो एक दिन ज़रूर आएगा जब आपकी पहचान सबसे अलग होगी ।
जानिए:- क्या है आत्मा की खुराक?