चुगली-निन्दा करना क्यूँ बन्द करें जब हमें इसमें इतना मज़ा जो आता है ? यहाँ जानिए..
Why no more BACKBITE? While it is a very intersting subject matter...
नमस्कार मेरे प्यारे भाईयों व बहनों, आपने देखा होगा कि आजकल कुछ ही लोग ऐसे हैं जो खुद मेहनत करके पैसा कमाते हैं व अपनी रोज़ी रोटी चलाते हैं । आज दुनिया में ऐसे लोगों की गिनती ज़्यादा है जो बिना मेहनत किये दूसरों का हक़ मारकर खुद ऐशो-आराम से अपना जीवन बिता रहें हैं । पर हमारे वेदों, गुरुओं और पीर पेगम्बरों के अनुसार ऐसी कमाई का कोई फायदा नहीं जब तक एक इंसान खुद हार्ड वर्क करके और गॉड प्रेयर करके ना कमाए । ऐसी कमाई जो ठग्गी व बेईमानी करके कमाई गयी हो वो कमाई ज़्यादा दिन तक फलती फूलती नहीं, वो तो सिर्फ दुनिया में फैलाने और दिखावा करने के काम ही आती है । ऐसे इंसान सिर्फ बाहर से ही सुखी दिखे रहने का दिखावा करते हैं, अंदर से उन्हें उनकी आत्मा कभी चैन नहीं लेने देती । इसलिए आज के इंसान को देखकर कोई भी ये नहीं कह सकता कि उसकी नियत किसी के प्रति कैसी है ! आज इंसान गिरगिट से भी जल्दी और ज़्यादा रंग बदलने की क्षमता रखता है ।
Anybody can do Anything : Be Aware From People.
image sourceसंत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सा फरमाते हैं कि आज एक इंसान खुद मेहनत न करके तरक्की हासिल न करने पर इतना परेशान और हताश नहीं होता जितना कि वो अपने सामने वाले की तरक्की देखकर परेशान हो जाता है । वो सामने वाले की बरसों से की गयी मेहनत को नहीं देखता, वो तो सिर्फ उसके बड़े नोट और उसकी पहुँच को देखता है । उसे तो यही मतलब होता है कि सामने वाला इतना बड़ा आदमी बना तो बना कैसे ? मैं ऐसा क्या करू कि सामने वाला अपने रुतबे और पहुँच से नीचे आ पटके?
बाबा राम रहीम जी फरमाते हैं कि आज एक इंसान दूसरे इंसान को नीचा दिखाने व असफल बनाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकता है । आज इंसान ये तो चाहता है कि वो अंदर व बाहर की चिंता से मुक्त हो और ख़ुशी-ख़ुशी से अपना जीवन बिताए। पर ये तो तभी सम्भव है जब वो सत्संग में आकर ध्यान लगाकर सत्संग को सुने व सन्तों द्वारा बताई गयी बातों पर अमल करे । गुरु जी ने ये भी फ़रमाया कि आज का युग घोर कलयुग है । लोग अपनी आत्मा और परमात्मा की आवाज़ को न सुनकर मन की गन्दी बातों को सुनना ज़्यादा पसन्द करते हैं । वे हर समय किसी न किसी की चुगली व निंदा करने में ही व्यस्त रहते हैं । यहाँ तक कि गुरु जी ने कई बार सत्संग के चलते ये भी फ़रमाया की कम से कम मजलिस के समय तो निंदा चुगली मत किया करें, इससे सिवाए थोड़ी देर के मज़े के इलावा कुछ हांसिल नहीं होने वाला । माना कि अगर आप किसी वजह से मालिक का नाम नहीं ले पाते तो कम से कम संत, पीर फ़क़ीर की बातों को तो सुनो और अमल करो । क्या पता कब आपकी ज़िंदगी एक महकते और खिलते हुए फूल की तरह खिल जाए और महकने लगे । इसलिए बजाय कि किसी की निन्दा चुगली किए और सामने वाले से सड़ने के बजाय आप चाहे थोड़ा ही सही पर सेवा, सुमिरन करते रहो । उसका फल ऐसा हो नहीं सकता कि आपको, आपकी औलाद को और आपके आने वाले कुलों को ना मिले ।।
वाह रे भाई वाह....बाबा सरसे वाला तो घना ही एंडी सै...��������
जवाब देंहटाएंDHAN DHAN SATGURU TERA HI AASRA
जवाब देंहटाएंधन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा🙏
हटाएंDhan Dhan satguru Tera hi aasra ji
जवाब देंहटाएंधन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा🙏
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